सभी गुरु भक्तों का एक ही 'प्रण', "साधु सेवा और समर्पण"

साधु सेवा ट्रस्ट

जय जिनेन्द्र

सम्पूर्ण भारतवर्ष मे विराजित जैन संतो व मुनियों की आहार, विहार व अन्य आवश्यक सेवाओं मे सदैव संलग्न,"साधु सेवा ट्रस्ट" एक ऐसी संस्था जो सभी प्रकार से सहयोग की भावना से कार्य करती हैं। इस पुनीत कार्य में अपनी सदस्यता सुनिश्चित करने के लिए एवं संस्था से जुड़ने के लिए-
Join Us पर क्लिक करे

JOIN US

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट विजिट करें या कॉल करे

+91 7827513648

प.पू. अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन आशीर्वाद से एवं प. पू. श्रमण मुनि श्री 108 श्रद्धानंद जी एवं पवित्रानंद जी मुनिराज की पावन प्रेरणा, दूर दृष्टि, मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से वर्ष 2022 में राजस्थान के उदयपुर नगर(केशव नगर) में साधु सेवा ट्रस्ट का गठन हुआ। साधु सेवा ट्रस्ट का उद्देश्य यह है कि हम अपने दिगंबर मुनियों के आहार, विहार की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनायें एवं दिगंबर मुनियों की परंपरा को सुरक्षित रखें।

संस्था में सदस्य बनने के लिए एवं दान राशि देने के लिए अपना और अपने परिजनों का अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन करें!

संक्षिप्त परिचय

साधर्मी भाई बंधुओं,

जैसे की आप सभी जानते है कि आज के परिपेक्ष को देखते हुए जैन समाज सभी वर्गों में श्रेष्ठ है। जैसे शिक्षा, संस्कृति, हॉस्पिटल, गौशाला, गुरूकुल, धर्मशाला, मंदिर इत्यादि। यह सब हमें गुरू कृपा से मिला है। जिसके माध्यम से आज जैन समाज की अपनी अलग पहचान है। अगर गुरू कृपा ना होती तो जैन समाज इतनी उच्च कोटि के शिखर पर नहीं होता ।

हमारे गुरूओं ने हमें इतना सब कुछ दिया, परंतु हमने अपने गुरूओं के लिए क्या किया ?

कई प्रांत ऐसे है जहां पर दिगम्बर मुनियों को विहार करने में बहुत कठिनाई आती है। साथ ही साथ विहार में आहार की व्यवस्था भी नहीं बन पाती है। चौके वाले भी नहीं मिलते है। कई गाँव व शहर ऐसे है जहाँ आज तक भी चातुर्मास नहीं हुए हैं ।

इन सबको देखते हुए हमारे मन में यह भाव जागृत हुआ है कि क्यों ना हम दिगम्बर मुनियों के आहार विहार की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाएं। अगर प्रत्येक व्यक्ति तन मन धन से अपने कर्तव्यों का पालन करें तो हम अपने सच्चे गुरू को सुरक्षित रख सकते है। जिसके माध्यम से हमारा समाज, धर्म संस्कृति सब सुरक्षित रह सकते है । बैंक में पैसा जमा करते ही उसका ब्याज तुरंत शुरू हो जाता है। उसी तरह आपका नाम सदस्य सूची में पंजीकरण करते ही सेवा का लाभ मिलना शुरू हो जाऐगा ।

हम आपको ये पूर्ण विश्वास दिलाते हैं कि आपकी चंचला लक्ष्मी का उपयोग गुरूओं की सेवा में किया जायेगा। हम इस सेवा के लिए आपसे बचनबद्ध हैं।

क्यों ना हम अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग करें एवं अपने सच्चे गुरूओं की रक्षा करें ।

योजना :

1. 11,11,111 परम शिरोमणी संरक्षक
2. 5,55,555 शिरोमणी संरक्षक
3. 1,11,111 परम संरक्षक
4. 51,151 वरिष्ठ संरक्षक
5. 31,131 संरक्षक
6. 21,121 आजीवन सदस्य
7. 11,111 सदस्य
8. 501 आजीवन मासिक दान दातार

साधु एवं साध्वियों के विश्राम के लिये-पाटे

विहार में साधु एवं साध्वियों को साधना एवं विश्राम करने के लिए पाटो की आवश्यकता होती है ।

विश्राम करने के लिए पाटे
(राशि- ₹5,100/-)

साधु एवं साध्वियों के विश्राम के लिये- वसतिका या टेंट

विहार में साधु एवं साध्वियों को साधना एवं विश्राम करने के लिए वसतिका या टेंट की आवश्यकता होती है ।

वसतिका (1 टेंट +4 पाटे)
(राशि- ₹41,000/-)
टेंट
(राशि-₹21,000/-)
Bank Details -

Sadhu Seva Trust

Account Name - Sadhu Seva Trust

Account Number - 082705002002

Bank Name - ICICI BANK

IFSC Code - ICIC0000827

Reg. No. - 1488

Trust Pan Card - ABJTS5056Q

Mail ID : sadhusewatrust@gmail.com

For More Information WhatsApp
Contact Number - +918107559524
(Contact Only For Donation Related Enquiry)

प.पू. श्रमण मुनि श्री 108 श्रद्धानंद जी